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कोर्ट ने नई वरिष्ठता सूची बनाने को कहा
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सचिवालय प्रशासन विभाग में 6 सितंबर 2023 को जारी समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची व 25 अक्टूबर 2023 को अनुभाग अधिकारी के पद पर प्रोन्नति संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया है.
न्यायालय ने यूपी सरकार को नई वरिष्ठता सूची जारी करने का आदेश दिया है.
यह निर्णय न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने शिव दत्त जोशी व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याचियों की ओर से अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा की दलील थी कि 13 जुलाई 2016 को याचियों समेत 144 सहायक समीक्षा अधिकारियों को समीक्षा अधिकारी के पद पर प्रोन्नति दी गई थी. आदेश में यूपी लोक सेवा आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोन्नति 30 जून 2016 से मानी जाएगी. इसके बाद विभाग में अब तक तीन बार वरिष्ठता सूचियां बन चुकी है. इनमें 30 जून 2016 से प्रोन्नति माने जाने के विरुद्ध सीधी भर्ती के समीक्षा अधिकारियों की आपत्तियां खारिज की जा चुकी हैं. इसके बावजूद 9 अगस्त 2023 को यह कहते हुए कि बैंक डेट से प्रोन्नति दिया जाना विधिपूर्ण नहीं था.
सरकार ने याचियों व अन्य अधिकारियों की प्रोन्नति 13 जुलाई 2016 से माने जाने का आदेश दे दिया. आदेश के क्रम में वरिष्ठता सूची बनाई गई, जिसमें सीधी भर्ती वाले समीक्षा अधिकारियों को प्रोन्नति प्राप्त अधिकारियों से वरिष्ठता क्रम में ऊपर रखा गया. इसके पश्चात 25 अक्टूबर 2023 को प्रोन्नति आदेश पारित करते हुए, सीधी भर्ती वाले समीक्षा अधिकारियों को अनुभाग अधिकारी के पद पर प्रोन्नति दे दी गई.
न्यायालय ने इस आदेश व वरिष्ठता सूची को निरस्त करते हुए अपने निर्णय में कहा कि विधि का सर्वमान्य सिद्धांत है कि वरिष्ठता क्रम को 3-4 साल बाद परिवर्तित नहीं किया जा सकता. इस मामले में 7 वर्ष का समय बीत जाने के पश्चात याचियों व अन्य अधिकारियों की वरिष्ठता में परिवर्तन किया गया जो विधिक नहीं है…