बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा की जरूरी उपभोक्ता सामग्रियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा सामान्य परिवारों का बजट !
केन्द्र सरकार के नैफेड जैसे विभागों की उदासीनता की वजह रोजमर्रा की जरूरत वाले सामान के रेट दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. आकलन है कि एक साल में महंगाई दोगुनी हुई. बीते एक साल में आटा, तेल, मसाले और मेवों की कीमत में डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं, सर्दी का मौसम आने के बाद भी अमूमन सस्ती मिलने वाली सब्जियों की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं.
पिछले साल दिसंबर में मटर 40 से 50 रुपये प्रत्ति किलो में मिल रही थी, जबकि इस साल अभी तक इसके दाम 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. इसी तरह आलू के दाम भी कम नहीं हो रहे.
यही हाल मसालों व खाद्य सामग्रियों का है ! रकाबगंज स्थित सोनू मसाला उद्योग के मनीष अग्रवाल ने बताया कि एक साल में जावित्री और इलायची के दाम में भारी बढ़त हुई है. पिछले साल दिसंबर में थोक में 1800 रुपये प्रत्ति किलो में जावित्री मिल रही थी, जो आज 2400 रुपये प्रति किलो में बिक रही है. इसी तरह छोटी इलायची के दाम 2600 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 3600 रुपये प्रति किलो हो गए हैं.
नवीन गल्ला मंडी के निरीक्षक अमलेश सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वार मटर की आमद कम हुई है. इस कारण इसके दाम नहीं घट रहे. यही नहीं, मेडिकल यूज के कारण लहसुन की मांग में काफी उछाल आई है. ऐसे में पिछले साल 200 से 240 रुपये प्रति किलो में विकने वाला लहसुन विगत की महीनों से 400 से 450 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है. टमाटर, साग, गोभी और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों का भी यही हाल है !